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समाज, संस्कृति और प्रेरणा का अनूठा संगम पेश करती किताब ‘गल्लां दिल दी’

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लखनऊ : हाल ही में प्रकाशित किताब ‘गल्लां दिल दी’ ने अपने संवेदनशील और प्रेरणादायक विषयों के चलते पाठकों के बीच खासा ध्यान आकर्षित किया है। इस पुस्तक के लेखक, राजनीतिक रणनीतिकार, समाजसेवी और पीआर कंसल्टेंट अतुल मलिकराम, ने इसे अपनी स्वर्गीय माताजी श्रीमती तेज गुलाटी को समर्पित किया है। किताब में समाज, संस्कृति, प्रेरणा, शिक्षा, व्यापार और राजनीति जैसे विविध विषयों का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत किया गया है, जो अतुल मलिकराम के व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों का प्रतिबिंब है।

‘गल्लां दिल दी’ में भारत की विशाल सांस्कृतिक विरासत और 2030 के भारत की रूपरेखा का प्रभावशाली चित्रण किया गया है। लेखक ने अपने सामाजिक और व्यक्तिगत अनुभवों को बेहद सहजता और सजीवता से प्रस्तुत किया है, जो न केवल पाठकों को इन विषयों की गहराई में ले जाता है, बल्कि उन्हें इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने के लिए भी प्रेरित करता है।

किताब में “विश्वास खुद पर”, “एक वोट की कीमत”, “कैदियों की भावनाएं”, और “सिंधी समाज का लीडर कौन?” जैसे विषयों के माध्यम से अतुल मलिकराम ने समाज के उन पहलुओं पर प्रकाश डाला है, जिन पर हम अक्सर विचार करने से चूक जाते हैं। इसके अतिरिक्त, शिक्षा और प्रेरणा से जुड़े खंड में “बदलता जमाना और भारतीय शिक्षा प्रणाली” तथा “मन की बीमारी” जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई है।

सांस्कृतिक और सामाजिक मुद्दों पर आधारित लेख जैसे “35 टुकड़ों वाला प्यार”, “आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक कार्डियोवैस्कुलर”, और “गाय की पवित्रता पर विज्ञान” पाठकों को न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहरों से परिचित कराते हैं, बल्कि उन्हें हमारी बदलती सभ्यताओं की सच्चाई से भी रूबरू कराते हैं।

किताब का व्यावसायिक खंड भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिसमें “एलन के ऐलान” और “पीआर इंडस्ट्री और न्यू एज मीडिया” जैसे विषयों पर चर्चा की गई है, जो युवा उद्यमियों को सही दिशा में आगे बढ़ने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। इसके साथ ही, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी 2030) के संदर्भ में डिजिटल शिक्षा, राजनेताओं के लिए शैक्षणिक योग्यता, और सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में समान वेतन जैसे मुद्दों पर भी विचार किया गया है, जिससे एक सशक्त समाज और व्यवस्था के निर्माण की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।

समीक्षकों के अनुसार, ‘गल्लां दिल दी’ की लेखन शैली बेहद सरल और प्रभावशाली है, जो जटिल विषयों को भी आसानी से समझने में सहायक है। अतुल मलिकराम ने अपनी किताब के माध्यम से विचारों को स्पष्टता से प्रस्तुत किया है, जो पाठकों को समाज, राजनीति और संस्कृति से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गंभीरता से विचार करने के लिए प्रेरित करती है। ‘गल्लां दिल दी’ को ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर्स से खरीदा जा सकता है।

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