Bhopal Khabar : 20 वर्षों से अटका भोपाल का मास्टर प्लान अब अगस्त में जारी होगा। राज्य सरकार ने भोपाल और इंदौर के मास्टर प्लान को लेकर नई तैयारी शुरू कर दी है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दोनों शहरों की भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान तैयार करें। इसमें सभी वर्गों का ध्यान रखा जाए। शहर के नदी और तालाबों के कैचमेंट क्षेत्रों को आरक्षित रखा जाए और वहां पौधारोपण कर इन्हें संरक्षित करने का कार्य किया जाए। आगे की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सड़कों और मकानों के विस्तार की अनुमति के प्रविधान किए जाएं।
मंत्री के निर्देश के बाद अब टीएनसीपी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) ने मास्टर प्लान का नया ड्राफ्ट बनाना शुरू कर दिया है। बता दें, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के मास्टर प्लान की समय अवधि 2021 में समाप्त हो चुकी है। वहीं भोपाल का मास्टर प्लान 1995 में आया था, जब भोपाल की आबादी 10 से 15 लाख थी। मास्टर प्लान की अवधि दिसंबर 2005 में समाप्त हो गई थी। तबसे भोपाल शहर का अनियोजित विकास जन समस्या बनता जा रहा है।
भोपाल के जिस मास्टर प्लान (वर्ष 2031) पर दावे और आपत्तियां सुनी गई थीं, उसे फिर से नए सिरे से तैयार किया जाएगा। नया मास्टर प्लान वर्ष 2047 की अनुमानित आबादी के आधार पर तैयार होगा। पिछले महीने भोपाल शहर के जनप्रतिनिधियों ने पुराने मास्टर प्लान के कई प्रविधानों पर असहमति जताते हुए भविष्य के लिए सुझाव भी दिए थे। कैलाश विजयवर्गीय ने नए बिंदुओं और प्राप्त सुझावों के आधार पर नया मास्टर प्लान बनाने की बात कही।