MP News : राज्य सरकार ने मदरसों से संबंधित एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी करते हुए प्रदेश के मदरसों में पढ़ रहे छात्रों के भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है।
यदि इस सत्यापन के दौरान किसी मदरसे में फर्जी तरीके से गैर-मुस्लिम या मुस्लिम बच्चों के नाम दर्ज पाए जाते हैं या बच्चों को उनके अभिभावकों की अनुमति के बिना धार्मिक शिक्षा दी जाती है, तो ऐसे मदरसों की मान्यता तत्काल रद्द कर दी जाएगी।
शिक्षा विभाग ने कहा कि प्रदेश में कई मदरसों में सरकारी अनुदान प्राप्त करने के उद्देश्य से गैर-मुस्लिम बच्चों के नाम फर्जी तरीके से दर्ज किए गए हैं। इन नामों की शीघ्र जांच की आवश्यकता है।
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त मदरसों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। यदि सत्यापन के दौरान यह पाया जाता है कि अनुदान प्राप्त करने के लिए फर्जी तरीके से नाम दर्ज किए गए हैं, तो उन मदरसों के अनुदान को बंद कर दिया जाएगा, उनकी मान्यता समाप्त कर दी जाएगी और उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 28(3) के तहत, राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त या सरकारी सहायता प्राप्त किसी भी शैक्षिक संस्था में धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति को बाध्य नहीं किया जा सकता है, जब तक कि उस व्यक्ति ने या उसके अभिभावक ने इसकी अनुमति नहीं दी हो।
इस संवैधानिक प्रावधान के तहत, यदि कोई मदरसा जो राज्य से मान्यता प्राप्त है या सरकारी सहायता प्राप्त कर रहा है, अपने छात्रों को बिना उनकी या उनके अभिभावकों की अनुमति के धार्मिक शिक्षा दे रहा है या धार्मिक उपासना में भाग लेने के लिए बाध्य कर रहा है, तो ऐसे मदरसों की सभी सरकारी अनुदान बंद कर दी जाएगी। इसके साथ ही उनकी मान्यता समाप्त करने की विधिवत कार्रवाई की जाएगी और अन्य उपयुक्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे।