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Monsoon Crops : मानसून में लगाए ये फसलें, एक बार लगाओ बार बार कमाओ

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Monsoon Crops : मध्य प्रदेश में मानसून की शुरुआत हो चुकी है, और अगले एक-दो दिनों में पूरे राज्य में अच्छी बारिश होने की संभावना है। किसान भी खेतों में बुवाई शुरू कर देंगे। इस सीजन में, अगर किसान भाई उतनी ही लागत और मेहनत से अधिक कमाई करना चाहते हैं, तो तीन फसलें हैं जिनकी खेती से उन्हें अच्छा लाभ हो सकता है।

सबसे पहले, जंगली अरहर की खेती लाभदायक होगी। यह अंतरवर्तीय या मिक्स प्रणाली की खेती है और इसे सोयाबीन, उड़द, तुवर के साथ सह फसल के रूप में बोया जा सकता है। इसकी बुवाई के लिए प्रति एकड़ केवल 1 किलो बीज की आवश्यकता होती है और इसे 5×6 के अंतर से बोया जाता है। यह साल में दो बार फलती है और दो कटिंग पर 10 क्विंटल तक उपज देती है।

वर्तमान में बाजार में इसकी कीमत 12,000 रुपये प्रति क्विंटल है। इस तरह, सोयाबीन, उड़द या तुवर की खेती करने वाले किसान जंगली अरहर की खेती से अतिरिक्त सवा लाख तक की कमाई कर सकते हैं। इस फसल के साथ किसान अपने खर्चे कम करके अपनी आय को 2 से 3 गुना तक बढ़ा सकते हैं।

मध्य प्रदेश के सागर में रहने वाले एक युवा किसान, जो 13 साल से जंगली अरहर की खेती कर रहे हैं, बताते हैं कि इस पौधे की लंबाई 12-14 फीट तक हो जाती है। इसे एक बार लगाने पर 5 से 6 साल तक चलती है। केवल एक बार लगाने में ही खर्च होता है, अगले नौ बार केवल देखभाल करनी होती है। उत्पादन होता रहता है। पहले फसल के रूप में उपज ली जा सकती है, और बाद में इसकी मोटी लकड़ी ईंधन के रूप में उपयोग या बिक्री के लिए उपलब्ध होती है। जंगली अरहर की दाल में प्रोटीन और फाइबर अधिक होता है, जिससे इसकी विदेश में भी काफी मांग है।

बुवाई से पहले भूमि का उपचार जरूरी है। इसके लिए खेत में बेड बनाने और फसल बोने से पहले मिट्टी को उपचारित करना चाहिए। मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच हो तो 100 किलोग्राम चूना पाउडर और 50 किलोग्राम नीम पाउडर मिलाकर खेत में फैलाएं और फिर जुताई करें। इसके बाद 10 से 15 दिन के बाद फसल बोना उत्तम होता है।

अच्छी उपज के लिए हर 20 दिन के अंतराल पर मटका खाद देना चाहिए। इसके लिए 20 किलोग्राम देसी गाय का गोबर, 20 लीटर देसी गाय का मूत्र, 2 किलोग्राम उड़द की दाल का आटा, 2 किलोग्राम गुड़ और 2 किलोग्राम सरसों की खली को मिलाकर पांच दिन रखने के बाद घोल तैयार करें और पौधों की जड़ों में दें। इससे फसल में अच्छी वृद्धि होती है।

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