Smart Farming : मार्किट से खरीदी स्ट्रॉबेरी ख़राब निकली तो मध्य प्रदेश के 4 दोस्तों ने शुरू कर दी स्ट्रॉबेरी की खेती, लाखों में है प्रॉफिट

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Smart Farming : संदीप गुप्ता, प्रकाश चौहान, विवेक सोनी, और हर्षद वर्मा, शाजापुर के निवासी। किसी दिन इन्होंने बाजार से स्ट्रॉबेरी खरीदी, लेकिन जब पैकेट खोला तो उन्हें ख़राब स्ट्रॉबेरी मिली । इस घटना ने दुकानदार के साथ मतभेद को बढ़ा दिया।

दुकानदार ने कहा, “हम वैसे ही स्ट्रॉबेरी ग्राहकों को देते हैं जैसे वे आते हैं।” इससे प्रेरणा लेकर उन्होंने शाजापुर में स्ट्रॉबेरी की खेती करने का निर्णय लिया और ताजगी से भरपूर फलों को स्थानीय लोगों तक पहुंचाने का ठाना।

कैसे शुरू की खेती

इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए, उन्होंने पास के गाँव सनकोटा के पास बड़ले में स्थित बंजर भूमि को तैयार किया। लगभग एक बीघा ज़मीन में, महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से लाए गए 10 हज़ार पौधों का सम्पूर्ण खेत प्रबंधन किया गया है, जिन्होंने अब फल देना शुरू कर दिया है। इन दोस्तों ने इन फलों को सोशल मीडिया के सहारे स्थानीय बाजारों में पहुंचाया है।

कितनी है आमदनी

स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए युवा दोस्तों ने 2 लाख रुपए जैसी राशि का निवेश किया है। संदीप गुप्ता, ने बताया कि शुरुआत में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अब उन्हें अच्छा उत्पादन हो रहा है। एक बीघा ज़मीन में लगभग 50 किलो तक स्ट्रॉबेरी प्रतिदिन उत्पन्न हो रही है, जिन्हें वे स्थानीय बाजार में लगभग 200 रुपये प्रति किलो में बेच रहे हैं, जिसमें सभी खर्चों को निकालकर दैहिक आमदनी 5 से 6 हज़ार रुपये तक हो रही है। यह आय लगभग 5 महीने तक चलती है।

कहाँ होती है स्ट्रॉबेरी की खेती

स्ट्रॉबेरी की खेती भारत में ठंडे क्षेत्रों में की जाती है। शाजापुर में यह पहली बार ट्रायल के रूप में की गई है। यहां का मौसम उचित होने पर मई तक उत्पादन होने की संभावना है। यह एक शीघ्र खराब होने वाला फल है जब तापमान बढ़ता है। इस कारण, इसे सही समय पर मंडी में पहुंचाना आवश्यक है उसके उच्च मांग के कारण।

स्ट्रॉबेरी के पौधों की जड़ें गहरी होती हैं, इसलिए नमी की कमी से पौधों को क्षति हो सकती है। पौधे मर भी सकते हैं। सिंचाई में थोड़ी सी कमी भी फलों के आकार और गुणवत्ता पर असर डाल सकती है। स्ट्रॉबेरी की फसल को नियमित अंतरालों में हल्की सी सिंचाई की आवश्यकता है, जैसे ठंड में 10-15 दिन और गर्मी में 4-5 दिन के बीच ड्रिप सिंचाई की जा सकती है।

बहुत फायदेमंद होती है स्ट्रॉबेरी

स्ट्रॉबेरी में विटामिन-सी का प्रचुर मात्रा में होता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होती है। इसके साथ ही, यह हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित व्यक्तियों के शरीर में रक्त संचार में भी सहायक है। स्ट्रॉबेरी में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, विटामिन सी, पोटेशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, थायोमिन बी, राइबोफ्लेबिन, नियासिन, लोहा, सोडियम, आदि तत्व पाए जाते हैं।

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