Rakshabandhan Muhurt : रक्षाबंधन का अद्भुत संयोग, भद्रा काल में नहीं बांधे राखी, ये होगा शुभ मुहूर्त

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Rakshabandhan Muhurt : इस वर्ष सावन की शुरुआत और समापन दोनों ही शिवजी के प्रिय सोमवार के दिन से हो रहे हैं। सावन का पहला सोमवार व्रत 22 जुलाई को रखा गया था, और इस पवित्र महीने का अंतिम सोमवार व्रत 19 अगस्त को पड़ेगा। इस दिन सावन पूर्णिमा, रक्षाबंधन, और चार शुभ योगों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। 19 अगस्त 2024 को सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग, रवि योग, और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बनेगा, जिसे बेहद शुभ माना जाता है। यह दुर्लभ संयोग पूरे 90 साल बाद बन रहा है, जो कई राशियों के लिए विशेष फलदायी रहेगा।

चार अद्भुत योगों का महासंयोग

वैदिक पंचांग के अनुसार, 19 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग, और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बनेगा, जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत करेगा। इन चार शुभ योगों के कारण इस बार रक्षाबंधन का दिन और भी खास बन गया है। इसके अलावा, इस दिन सावन का अंतिम सोमवार भी है, जिससे इस दिन की महत्ता और बढ़ जाती है।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

19 अगस्त को सुबह से रात 8 बजकर 40 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग रहेंगे। इस दौरान किए गए कार्यों में सिद्धियां प्राप्त होती हैं। हालांकि, भद्रा काल के कारण राखी बांधने का समय दोपहर 1 बजकर 32 मिनट के बाद होगा। इस समय के बाद रक्षासूत्र बांधने से भाइयों को दीर्घायु, ऐश्वर्य, और सौभाग्य का वरदान मिलेगा।

भद्रा काल का समय

पंडित गणेश शर्मा के अनुसार, भद्रा का समय 18 अगस्त की रात 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होगा और 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। यह भद्रा पाताल लोक का भद्रा होगा, जो राखी बांधने के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए, राखी बांधने का शुभ समय 1 बजकर 33 मिनट से शाम 7 बजे तक रहेगा, जो इस विशेष पर्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस रक्षाबंधन, भाई-बहन के इस पवित्र बंधन को मजबूत बनाने के लिए यह अद्भुत संयोग विशेष फलदायी सिद्ध होगा। पूरे 90 साल बाद बन रहे इस महासंयोग का लाभ उठाने का यह अवसर सभी के लिए शुभकारी रहेगा।

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