MP School Buses GPS : इंदौर में दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) की एक बस हादसे में चार बच्चों की मौत के बाद, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्कूल बसों के संचालन को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये नए नियम बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं। इस फैसले के बाद स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर नई उम्मीदें जागी हैं।
स्कूल बसों में जीपीएस और सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि अब हर स्कूल बस में जीपीएस ट्रैकिंग प्रणाली और सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा। इससे अभिभावक अपने बच्चों की बस की लोकेशन और सुरक्षा पर नजर रख सकेंगे। इस फैसले से स्कूलों के संचालन में पारदर्शिता आएगी और बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों में विश्वास बढ़ेगा।
12 साल से पुरानी स्कूल बसों पर होगी रोक
नए दिशा-निर्देशों के तहत, 12 साल से पुरानी स्कूल बसों को स्कूल संचालन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा, सभी स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर (गति नियंत्रक) लगाने का भी आदेश दिया गया है। यह कदम बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, तेज रफ्तार को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
स्कूल बस चालकों के लिए सख्त मानक
हाई कोर्ट ने स्कूल बस चालकों के लिए भी सख्त मानक तय किए हैं। अब ऐसे चालकों को काम पर नहीं रखा जाएगा जिन्होंने एक वर्ष में दो बार से अधिक सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया हो। इसके अलावा, यदि किसी चालक पर तेज गति, शराब पीकर गाड़ी चलाने या खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने के आरोप में एक बार भी चालान हुआ है, तो उसे स्कूल बस चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
दिशा-निर्देशों के अनुसार, स्कूल संस्थान को अब चालक से एक शपथपत्र लेना होगा, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वह सभी सुरक्षा मानकों का पालन करेगा। यह कदम बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है, ताकि कोई भी असुरक्षित व्यक्ति बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ न कर सके।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का यह फैसला न केवल इंदौर में हुए हादसे को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, बल्कि यह राज्यभर में स्कूल बसों के संचालन में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर इस फैसले से अभिभावकों का भरोसा बढ़ेगा और स्कूलों में बच्चों के लिए सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित होगी।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा स्कूल बसों के संचालन के लिए जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों से बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। जीपीएस ट्रैकिंग, सीसीटीवी कैमरे और सख्त चालक मानक जैसे उपाय स्कूल बसों के संचालन में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाएंगे, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी। यह कदम बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।