Morena News : मुरैना सीट पर BJP बदल सकती है प्रत्याशी, BJP आलाकमान डरा, ये है बड़ी वजह…..

Date:

Morena News : हिंदुस्तान के दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश राज्य में कुल 29 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से एक मुरैना संसदीय क्षेत्र है, जिसे अनारक्षित रखा गया है।

पिछले चुनाव में क्या रहा ?

देश में हुए पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 के लोकसभा चुनाव में इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 1,837,723 मतदाताओं ने भाग लिया था। उस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र सिंह तोमर 541,689 वोट हासिल कर विजयी रहे थे. इस चुनाव में, नरेंद्र सिंह तोमर ने संसदीय सीट पर मौजूद कुल मतदाताओं में से 29.48 प्रतिशत का समर्थन हासिल किया, जबकि निर्वाचन क्षेत्र में 47.57 प्रतिशत वोट प्राप्त किए। लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान, कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास रावत ने 428,348 वोट प्राप्त करके इस सीट पर दूसरा स्थान हासिल किया, जो संसदीय सीट के कुल मतदाताओं का 23.31 प्रतिशत था, और उन्हें कुल मिलाकर 37.62 प्रतिशत वोट मिले। 2019 के आम चुनाव में इस सीट पर जीत का अंतर 113,341 वोटों का था.

मुरैना सीट पर BJP बदल सकती है प्रत्याशी

हालाँकि इस बार BJP आलाकमान डरा हुआ है, दरअसल कुछ दिन पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मध्य प्रदेश का दौरा किया था और मुरैना लोकसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी. सूत्रों के मुताबिक, जेपी नड्डा पदाधिकारियों के रुझान से खुश नहीं थे. ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा मुरैना लोकसभा सीट से प्रत्याशी बदल सकती है.

ये है वजह

  1. अपने बागी तेवरों के लिए देश में अलग पहचान बनाने वाली मुरैना लोकसभा सीट पर शुरुआत से ही बीजेपी का पलड़ा भारी रहा है. यहां आखिरी बार 1991 में कांग्रेस को जीत देखने को मिली थी, इसके बाद से ही लगातार यहां बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. प्रत्याशी शिवमंगल सिंह तोमर का अपने ही समाज में विरोध दरअसल सूत्रों की माने शिवमंगल सिंह तोमर का समाज में व्यक्तिगत विरोध है जिसका ख़ामियाज़ा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है.
  2. कांग्रेस से सत्यपाल सिंह नीटू सिकरवार का नाम आना

ऐसा माना जाता है जब विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर जब मुरैना से लोकसभा का चुनाव लड़ते थे तब सत्यपाल सिकरवार एवं उनके बड़े भाई ग्वालियर विधायक सतीश सिंह सिकारवार प्रचार करते रहे एवं उन्हें विजयश्री दिलाते रहे है ऐसे में सत्यपाल सिकरवार का नाम चलना उनके लिए ख़तरे की घंटी साबित हो सकता ही जिसका एहसास कही ना कही पार्टी के नेताओं को भी हो गया है.

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

सोशल मीडिया पर वायरल सूची को लेकर कांग्रेस पर भाजपा का पलटवार, “पत्रकारों की छवि को धूमिल करने की कोशिश…

भोपाल: मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल...
Translate »