Digital Arrest : उद्योगपति की बहु डिजिटल अरेस्ट का शिकार ठगे 1.6 करोड़, कही आप भी तो नहीं…..

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Digital Arrest : साइबर ठगों ने इंदौर की एक महिला कारोबारी को जालसाजी का शिकार बनाकर तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। महिला कारोबारी से खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बताकर झांसा लिया गया, और मनी लांड्रिंग के नाम पर एक करोड़ 60 लाख रुपये ठगे गए।

50 वर्षीय वंदना गुप्ता, जो उद्योगपति सुभाष गुप्ता की बहू हैं और शेयर कारोबार से जुड़ी हुईं हैं, 9 नवंबर को साइबर ठगों के जाल में फंसीं। ठगों ने फोन पर उन्हें बताया कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल से जुड़ी मनी लांड्रिंग के मामले में उनका नाम आया है और सीबीआई द्वारा भी जांच की जा रही है। ठगों ने उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी और उनके बैंक खातों की जांच करने का हवाला देकर एक बड़ा धनराशि ट्रांसफर करने के लिए कहा।

वंदना से ठगों ने उनके बैंक खातों और व्यक्तिगत जानकारी की मांग की। उन्हें यह भी बताया गया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा उनके खाते की जांच की जाएगी और इसके लिए उन्हें ठगों के बताए गए खातों में पैसे ट्रांसफर करने होंगे।

साइबर ठगों ने वंदना को एफडी तुड़वाकर कुल 1.6 करोड़ रुपये उनके खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इसके बाद भी ठगों ने महिला से गोल्ड लोन लेकर और पैसे भेजने का दबाव बनाया, जिससे वंदना को ठगी का अहसास हुआ। उन्होंने तुरंत नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत की।

पुलिस और साइबर सेल अब ठगों के खातों और मोबाइल नंबर के जरिए उनकी पहचान और पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

वंदना गुप्ता ने पुलिस से कहा कि उन्हें डिजिटल अरेस्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वह इस प्रकार के मामलों के बारे में जानकारी रखते हुए भी ठगी का शिकार हो गईं।

साइबर सेल को संदेह है कि वंदना का व्यक्तिगत डेटा किसी बैंक से लीक हुआ था, क्योंकि कॉल जिस नंबर पर आई थी, वह वंदना के बैंक खाते से जुड़ा था।

साइबर अपराधियों से कैसे बचें:

  • मनी लांड्रिंग और गिरफ्तार करने की धमकी देने वाली कॉल से सतर्क रहें।
  • बैंक खातों और व्यक्तिगत जानकारी को किसी से साझा न करें।
  • सीबीआई और आरबीआई द्वारा जांच के नाम पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए दबाव डालने पर तुरंत सावधान हो जाएं।
  • इस प्रकार की कॉल या संदेशों के बारे में शिकायत करने के लिए cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।

हालांकि पुलिस और साइबर सेल ने वंदना की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस घटना ने इंदौर में साइबर ठगी के मामलों को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है और बताया है कि इंदौर रीजन में पिछले 11 महीनों में करीब 4 करोड़ रुपये की ठगी की घटनाएं सामने आई हैं।

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