Cyber Crime : रहे सावधान ! स्मार्ट मीटर के नाम पर की धोखाधड़ी, न आया मैसेज न ओटीपी, उड़ाए लाखो

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Cyber Crime : साइबर अपराधी अब लोगों की मेहनत की कमाई को पल भर में लूटने में माहिर हो गए हैं, और उनके तरीके दिन-ब-दिन और अधिक जटिल होते जा रहे हैं। हाल ही में गढ़ा क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो यह दर्शाता है कि लोग कितने असुरक्षित हैं। इस घटना में न तो कोई ओटीपी मांगा गया और न ही कोई व्यक्तिगत जानकारी ली गई। सिर्फ एक फोन कॉल के माध्यम से पीड़ित की सिम को ई-सिम में बदल दिया गया और उसके बैंक खाते से एक लाख रुपये से ज्यादा की राशि उड़ा ली गई।

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 42 वर्षीय नरेंद्र कुमार त्रिपाठी, जो नारायग नगर गार्डन के निवासी हैं, का पंजाब नेशनल बैंक के जवाहरगंज शाखा में खाता है, जो उनके मोबाइल नंबर से जुड़ा हुआ है। 9 जून 2024 को उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को एयरटेल कंपनी का बताया और कहा कि उनके क्षेत्र में 5G नेटवर्क चालू हो गया है। कुछ देर बाद उनका मोबाइल नेटवर्क बंद हो गया और सिम कार्ड काम करना बंद कर दिया। 11 जून को जब उन्होंने अपने खाते की जांच की, तो उन्होंने पाया कि उनके खाते से यूपीआई के जरिए ₹95,000 और ₹4,999 की ट्रांजैक्शन हो चुकी थी। इस पर उन्हें एहसास हुआ कि वे साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं।

उन्होंने तुरंत कस्टमर केयर से संपर्क किया और अपना खाता ब्लॉक कराया। इसके बाद एयरटेल ऑफिस जाकर जानकारी प्राप्त की, तो पता चला कि उनकी सिम को ई-सिम में बदल दिया गया था और यूपीआई के माध्यम से ₹1 लाख दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए गए थे। इस मामले में पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और जांच जारी है।

स्मार्ट मीटर घोटाला


एक और घोटाला सामने आया है, जिसमें एक उपभोक्ता ने स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। अनमोल दुबे, जो प्रगति नगर तिलहरी के निवासी हैं, ने गोराबाजार थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि बिजली विभाग के वेंडर और लाइनमैन ने उनके घर में बिना किसी सूचना या अनुमति के मीटर बदल दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि स्मार्ट मीटर लगाने के बाद मीटर ने अपनी रफ्तार दिखाई, लेकिन उनके घर में बिजली की सप्लाई नहीं हो रही थी। 3 बजे से रात 9 बजे तक बिजली नहीं आई, जबकि स्मार्ट मीटर काम करता रहा।

अनमोल दुबे ने वेंडर, लाइनमैन और बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। हालांकि, जब इस मामले में बिजली दफ्तर से संपर्क किया गया, तो कोई जवाब नहीं मिला।

सावधानी बरतें, ताकि धोखाधड़ी से बच सकें
ये घटनाएं यह साफ तौर पर दर्शाती हैं कि धोखाधड़ी के तरीके अब और भी जटिल हो गए हैं, चाहे वह साइबर धोखाधड़ी हो या बिजली विभाग के तहत होने वाली धोखाधड़ी। उपभोक्ताओं को सतर्क रहना और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत अधिकारियों से करनी चाहिए, ताकि वित्तीय धोखाधड़ी से बचा जा सके।

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