Ancient City Eran / Sagar : मध्य रेलवे पर बामोरा स्टेशन से 10 km दूर बीना और रुईता नदियों के संगम पर स्थित प्राचीन स्थल एरण । भौगोलिक स्थिति के अनुसार, एरण बुंदेलखंड के एक ओर और मालवा के दूसरी ओर गेट के रूप में स्थित है। इसका नाम ‘एराका’ नामक घास के भरपूर उगाव से लिया गया है, जो चिकनाहट और धैर्य के गुणों से युक्त है।
एरण गांव में प्राचीन पुरातात्विक अवशेषों का एक दिलचस्प संग्रह पाया गया है। यहाँ पर एक किला है, जो डांगी राजवंश से संबंधित माना जाता है, जिन्होंने इस क्षेत्र पर पूर्व में शासन किया था। इस स्थल पर कई विष्णु मंदिर थे, लेकिन अब वहां केवल कुछ नीचले हिस्से की masonry, चार खड़े स्तंभ जिनके ऊपर की संरचना और कुछ बीम और द्वार के भाग ही शेष हैं। प्रमुख मूर्ति एक विशाल वराह की है, जिसकी ऊँचाई लगभग 10 फीट है।
सागर विश्वविद्यालय के पुरातत्त्व विभाग द्वारा किए गए उत्खनन में महेश्वर और त्रिपुरी से मिले समान अवशेष पाए गए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि एरण मध्य प्रदेश में ताम्रपाषाण युग की उत्तरी सीमा का हिस्सा था। इस खोज ने एरण की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्वता को एक नई दिशा दी है।
CM मोहन यादव ने “एरण महोत्सव” की घोषणा की
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सागर जिले के बीना में आयोजित राज्य स्तरीय ‘लाड़ली बहना योजना’ कार्यक्रम के दौरान बीना और सागर जिले के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्राचीन नगर एरण में संस्कृति विभाग द्वारा “एरण उत्सव” का आयोजन किया जाएगा, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को प्रमोट करेगा।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने लघु और वृहद उद्योगों की स्थापना के माध्यम से इस क्षेत्र के युवाओं को लाभान्वित करने का ऐलान किया। नए उद्योगों के शुरू होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे पलायन की समस्याओं को कम किया जा सकेगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने एक नया आईटीआई स्थापित करने की योजना भी बनाई, जिससे स्थानीय युवाओं को तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त होगा इन घोषणाओं से न केवल सागर जिले का विकास होगा, बल्कि क्षेत्रीय लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।