भोपाल : मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापम घोटाले को उजागर करने वाले व्हिसलब्लोअर, डॉ. आनंद राय, इस शनिवार को भोपाल में कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। इससे पहले वे तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) में भी सदस्यता ले चुके थे। राय ने राज्य के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) में हुई अनियमितताओं का खुलासा किया था। इस घोटाले में डिजिटल डेटा और ओएमआर आंसर शीट में छेड़छाड़ करके अभ्यर्थियों को अवैध रूप से पास कराने के मामले सामने आए थे।
व्यापम घोटाला मुख्य रूप से ओएमआर आंसर शीट के डिजिटल डेटा में हेरफेर से जुड़ा है। 2012 में मध्य प्रदेश प्री-मेडिकल टेस्ट (एमपीपीएमटी) के दौरान अभ्यर्थियों के जवाबों को अवैध रूप से सही करने के लिए आंसर शीट में बदलाव किए गए थे।
घोटाले का पर्दाफाश
आनंद राय, जो 2003 से 2007 तक इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के छात्र थे, ने परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं को नोटिस करना शुरू किया। 2005 में, एमडी की पढ़ाई के दौरान, उन्होंने देखा कि कई टॉप क्वालिफाइड छात्र एक ही हॉस्टल ब्लॉक से थे, जिनमें से कुछ कभी क्लास या एग्जाम में शामिल नहीं हुए थे।
2008 में, एक शादी के दौरान उन्हें अपने बैचमेट जगदीश सागर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी। जगदीश सागर, जो बाद में व्यापम घोटाले के प्रमुख आरोपी बने, के सूटकेस से मिले एडमिशन फॉर्म और तस्वीरों ने घोटाले के संकेत दिए।
कानूनी लड़ाई और सीबीआई जांच
2009 में राय ने व्यापम की मेडिकल परीक्षाओं में अनियमितताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बोर्ड की जांच में पता चला कि 280 प्रॉक्सी उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। इसके बाद, जुलाई 2013 में राय ने जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की, जिसके परिणामस्वरूप एक विशेष जांच दल (एसआईटी) और बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच हुई। इस घोटाले में राज्य के कई हाई-प्रोफाइल राजनेताओं की गिरफ्तारी भी हुई थी।
आनंद राय की कांग्रेस में शामिल होने की खबर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुकी है, और इसे आगामी चुनावों के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।