ग्वालियर : सीएम डा. मोहन यादव के काफिले के निकलते समय एक गंभीर विवाद उभर आया, जिसमें मेजर आशीष चौहान और पुलिसकर्मियों के बीच भिड़ंत हो गई। यह विवाद रात भर चला और केवल तभी सुलझा जब पुलिस और सेना के अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया।
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मेजर की पत्नी और बहन ने पुलिसकर्मियों और क्राइम ब्रांच पर मारपीट और धमकाने का आरोप लगाया है।
मेजर की पत्नी का कहना है कि उनके पति को बर्बरता से पीटा गया और सिविल कपड़ों में ले जाया गया। जब उन्होंने अपने पति को बचाने की कोशिश की, तो उन्हें बाल पकड़कर जमीन पर गिरा दिया गया और बच्चों के साथ भी धक्का-मुक्की की गई। उनका आरोप है कि सफेद रंग की किया कंपनी की गाड़ी में उनके पति को ले जाया गया।
वहीं, पुलिसकर्मियों ने आरोप लगाया कि मेजर ने उन्हें पीटा और उनकी वर्दी फाड़ी। रात एक बजे के बाद दोनों पक्षों में सुलह हो गई और सभी लोग रवाना हो गए। पुलिस ने इस मामले में कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं की और मेजर ने भी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई।
विवाद के दौरान, क्राइम ब्रांच की एक टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई, जो निजी गाड़ी से आई थी। मेजर ने आरोप लगाया कि कार के अंदर उनके साथ मारपीट की गई, और जब उन्होंने बताया कि वे सेना के मेजर हैं, तब भी मारपीट जारी रही।
इस घटना से सड़क पर अफरातफरी मच गई, और मेजर की पत्नी, बहन और बच्चे रोने लगे। गोला का मंदिर थाना रात भर छावनी में तब्दील हो गया, और पूरे शहर की पुलिस फोर्स और अधिकारी वहां मौजूद रहे।
इसके अतिरिक्त, एक अलग विवाद भी सामने आया जब एक गाड़ी ने मेजर की गाड़ी को टक्कर मारी। मेजर ने दावा किया कि इनोवा गाड़ी ने उनकी गाड़ी को टक्कर मारी और बाद में चालक गाड़ी लेकर फरार हो गया। जब पुलिसकर्मियों से मदद मांगी गई, तो वे भी कार्रवाई के लिए आगे नहीं आए।