Rajya Sabha Election 2024 / नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2024 के राज्यसभा उपचुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। यह सूची 8 राज्यों की 9 राज्यसभा सीटों के लिए घोषित की गई है। हरियाणा से किरण चौधरी और राजस्थान से केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू को उम्मीदवार बनाया गया है।
गौरतलब है कि 9 राज्यों की 12 राज्यसभा सीटों के लिए 3 सितंबर को मतदान होना है। चुनाव आयोग ने इसके लिए कार्यक्रम की घोषणा पहले ही कर दी थी। इसके बाद बीजेपी ने अपनी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया और प्रेस रिलीज के माध्यम से इसकी जानकारी दी।
कौन-कौन हैं उम्मीदवार?
बीजेपी ने असम से मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धैर्यशील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, राजस्थान से सरदार रवनीत सिंह बिट्टू और त्रिपुरा से राजीव भट्टाचार्जी को उम्मीदवार घोषित किया है। खास बात यह है कि रवनीत सिंह बिट्टू ने इससे पहले पंजाब से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली थी।
किन राज्यों में कितनी सीटें खाली हुईं?
महाराष्ट्र और बिहार में 2-2, जबकि असम में 2 सीटें खाली हैं। वहीं, त्रिपुरा, हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में एक-एक सीट खाली है। कुल 12 में से 10 सीटें वे हैं जो सदस्यों के लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद खाली हुईं। वहीं, ओडिशा और तेलंगाना में सदस्यों के पार्टी बदलने के कारण सीटें खाली हुईं।
ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजेडी) की सांसद ममता मोहंता ने नवीन पटनायक का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिससे उनकी सदस्यता खत्म हो गई। तेलंगाना में केशव राव ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था।
सीटों की स्थिति
12 सीटों में से 7 सीटों पर बीजेपी के सांसद थे। इनमें महाराष्ट्र, असम में 2-2, और बिहार, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा से 1-1 सांसद शामिल थे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मध्य प्रदेश, असम, राजस्थान, ओडिशा और त्रिपुरा में बीजेपी की स्थिति मजबूत है और यहां पार्टी की जीत की संभावना अधिक है। वहीं, महाराष्ट्र और बिहार में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
हरियाणा में स्थिति दिलचस्प हो सकती है, क्योंकि राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से अब 87 विधायक ही बचे हैं। इनमें बीजेपी के 41 विधायक हैं, जबकि गोपाल कांडा की पार्टी और निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का समर्थन मिलने से यह संख्या 44 हो जाती है। विपक्ष में 43 विधायक हैं, जिनमें कांग्रेस के 28, जेजेपी के 10 और 3 निर्दलीय विधायक शामिल हैं। निर्दलीय विधायकों ने पहले बीजेपी का समर्थन किया था, लेकिन बाद में कांग्रेस के साथ हो गए थे।