Why Lightning Happens : आकाशीय बिजली क्यों गिरती है ?
बारिश के मौसम में अक्सर आसमानी बिजली गिरने की घटनाएँ सामने आती हैं, और तेज गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर हर कोई डर जाता है। हाल ही में मध्य भारत में बिजली गिरने से कई लोगों की मौत हो चुकी है। बादलों के बीच गरज के साथ बिजली कड़कती देखी जाती है, जो कभी-कभी जमीन पर गिरकर जानलेवा हो जाती है।
क्या आपने कभी सोचा है कि बादलों के बीच बिजली कैसे बनती है? यह जहां गिरती है, वहां तबाही मचा देती है। बारिश के दौरान बादलों के बीच गड़गड़ाहट और बिजली चमकना सामान्य है, लेकिन यह कभी-कभी इंसानों को घायल कर देती है या मौत का कारण बन जाती है। बारिश के मौसम में बिजली गिरने की घटनाएँ अधिक होती हैं। आइए जानते हैं कि बादलों के बीच गड़गड़ाहट क्यों होती है और बिजली कैसे बनती है।
साल 1872 में वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने पहली बार बादलों के बीच बिजली चमकने की सही वजह बताई थी। उन्होंने बताया कि बादलों में पानी के छोटे-छोटे कण होते हैं, जो वायु की रगड़ से आवेशित हो जाते हैं। कुछ बादलों पर सकारात्मक (पॉजिटिव) चार्ज होता है, तो कुछ पर नकारात्मक (निगेटिव) चार्ज।
जब आसमान में दोनों प्रकार के चार्ज वाले बादल एक दूसरे से टकराते हैं, तो लाखों वोल्ट की बिजली उत्पन्न होती है। कभी-कभी यह बिजली इतनी अधिक होती है कि धरती तक पहुंच जाती है, जिसे बिजली गिरना कहा जाता है।
जब आसमान में बिजली पैदा होती है, तो बादलों के बीच की जगह में बिजली की धारा बहने लगती है, जिससे बड़ी मात्रा में चमक उत्पन्न होती है। इससे बादलों के बीच चमक दिखाई देती है। बिजली की धारा बहने से बहुत अधिक गर्मी पैदा होती है, जिससे वायु फैलती है और करोड़ों कणों की आपस में टक्कर होती है। इससे बादलों के बीच गड़गड़ाहट पैदा होती है, जिसकी आवाज धरती पर सुनाई देती है।
बिजली के प्रकार
क्लाउड-टू-ग्राउंड (सीजी): यह प्रकार तब होता है जब विद्युत निर्वहन बादल और जमीन के बीच चलता है। यह इंसानों के लिए सबसे खतरनाक रूप है।
इंट्रा-क्लाउड (आईसी):यह एक ही बादल के भीतर होता है। यह बिजली का सबसे आम प्रकार है।
क्लाउड-टू-क्लाउड (CC) : इस प्रकार की बिजली दो बादलों के बीच घटित होती है।
क्लाउड-टू-एयर (सीए): बिजली जो तूफ़ान के आसपास साफ़ हवा में गिरती है लेकिन ज़मीन तक नहीं पहुँचती।
बिजली चमकने के दौरान पेड़ के नीचे खड़ा होना खतरनाक क्यों है?
पेड़ लम्बे होते हैं और उनमें बहुत अधिक नमी होती है, जो उन्हें बिजली का अच्छा संवाहक बनाती है। बिजली अक्सर किसी क्षेत्र की सबसे ऊंची वस्तु पर गिरती है, जो एक पेड़ हो सकता है।
जब बिजली किसी पेड़ पर गिरती है, तो विद्युत प्रवाह पेड़ से नीचे और जमीन में जा सकता है। यदि आप पेड़ के नीचे या उसके पास खड़े हैं, तो करंट आपके शरीर से होकर गुजर सकता है, जिससे गंभीर चोट लग सकती है या मृत्यु हो सकती है।
साइड फ़्लैश:
यदि बिजली सीधे जमीन तक नहीं पहुंच सकती तो बिजली पेड़ से उछलकर पास के किसी व्यक्ति पर गिर सकती है। इस घटना को साइड फ्लैश या साइड स्प्लैश के रूप में जाना जाता है।
बिजली की गर्मी एक पेड़ के अंदर के रस को वाष्पित कर सकती है, जिससे पेड़ फट सकता है और खतरनाक मलबा उड़ सकता है।
बिजली गिरने के दौरान सुरक्षा उपाय
पेड़ों और ऊंची वस्तुओं से बचें: अलग-थलग पेड़ों, खंभों और अन्य ऊंची वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली को आकर्षित कर सकती हैं।
आश्रय की तलाश करें: तूफान के दौरान सबसे सुरक्षित स्थान एक अच्छी तरह से निर्मित इमारत या धातु की छत और बंद खिड़कियों वाली कार के अंदर होता है।
यदि आप किसी खुले क्षेत्र में फंस गए हैं, तो अपने पैरों को एक साथ जोड़कर झुकें, जमीन से संपर्क कम से कम करें और सीधे लेटने से बचें।
पानी से बचें:
पानी बिजली का अच्छा संवाहक है, इसलिए झीलों, नदियों और पानी के अन्य निकायों से दूर रहें।
बिजली गिरने के पीछे के तंत्र को समझने और सुरक्षा सावधानियों का पालन करने से तूफान से जुड़े जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।