Indian Government : आने वाले पांच सालों में कौन से बड़े फैसले लेगी मोदी सरकार

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Indian Government : 9 जून को नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। उन्होंने बार-बार कहा है कि उनका तीसरा कार्यकाल बड़े फैसलों वाला होगा, और पिछले 10 साल का काम तो सिर्फ ट्रेलर था। आइए जानते हैं कि एनडीए सरकार कौन से बड़े और कड़े फैसले ले सकती है।

रविवार को देश में नई सरकार का गठन होगा। करीब छह दशक बाद यह पहली बार होगा जब कोई नेता लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेगा। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तीसरी सरकार उनके शपथ ग्रहण के साथ काम शुरू कर देगी।

मोदी का कहना है कि उनका तीसरा कार्यकाल बड़े फैसलों वाला होगा। उनके दूसरे कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना, राम मंदिर का निर्माण, और नागरिकता संशोधन कानून लागू करना बड़े फैसलों के रूप में गिने जाते हैं। लोग जानना चाहते हैं कि इस बार एनडीए सरकार कौन से बड़े और कड़े फैसले ले सकती है और किन क्षेत्रों में बड़े निर्णय हो सकते हैं।

एक देश, एक चुनाव

भाजपा के 2024 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में एक देश, एक चुनाव का वादा किया गया है। नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के प्रमुख नेता इसे लागू करने की वकालत कर रहे हैं। 2019 के स्वतंत्रता दिवस पर मोदी ने इसका जिक्र किया था, और तब से भाजपा की ओर से इसे कई बार उठाया गया है। इस बहस की शुरुआत 2018 में विधि आयोग की मसौदा रिपोर्ट के बाद हुई थी, जिसमें आर्थिक कारणों को गिनाया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, 2014 में लोकसभा चुनावों और उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों का खर्च लगभग समान रहा था। साथ-साथ चुनाव होने पर यह खर्च 50:50 के अनुपात में बंट सकता है।

फिलहाल, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जिसने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है। एनडीए सरकार इसे अपने तीसरे कार्यकाल में लागू करने पर जोर दे सकती है। जदयू ने भी इसका समर्थन जताया है।

समान नागरिक संहिता

देशभर में एक समान कानून लागू करना भाजपा के एजेंडे में रहा है। पार्टी ने इसे 2024 के घोषणापत्र में शामिल किया है। भाजपा ने 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाया था और चुनाव जीतने के बाद इसे लागू भी कर दिया। अब एनडीए के तीसरे कार्यकाल में समान नागरिक संहिता को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है, हालांकि इसके लिए सहयोगी दलों का समर्थन जुटाना बड़ी चुनौती होगी। जदयू ने कहा है कि इसमें सबकी राय जरूरी है।

विदेश नीति में यूएनएससी की स्थायी सदस्यता पर जोर

मोदी अक्सर अपने भाषणों में भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने पर जोर देते रहे हैं। अपने तीसरे कार्यकाल में मोदी की विदेश नीति का लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता हासिल करना होगा। यह प्रयास संयुक्त राष्ट्र में सुधार के साथ जुड़ा होगा, जो एक बड़ी चुनौती है क्योंकि चीन अक्सर भारत की सदस्यता का विरोध करता है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में आयुष्मान भारत का विस्तार

तीसरे कार्यकाल में केंद्र सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत को व्यापक रूप में देखा जा सकता है। मोदी ने अपने चुनावी कार्यक्रमों में कहा है कि तीसरे कार्यकाल में बड़े फैसलों के लिए ‘मोदी की गारंटी’ पूरी की जाएगी। उन्होंने आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवा तक अभूतपूर्व पहुंच पर जोर दिया। भाजपा के 2024 घोषणापत्र में आयुष्मान भारत के कवरेज को 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और ट्रांसजेंडर समुदाय को शामिल करने का भी वादा किया गया है।

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